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मदरसा इस्लामियां गिरधरपुर में अध्ययनरत छात्रा ‘रहीमा अंसार’ने हाई स्कूल में 86.16% लाकर अपने मां बाप और गांव का नाम रोशन किया। कलीम सिद्दीक़ी की रिपोर्ट

मदरसा इस्लामियां गिरधरपुर में अध्ययनरत छात्रा ‘रहीमा अंसार’ने हाई स्कूल में 86.16% लाकर अपने मां बाप और गांव का नाम रोशन किया।

जौनपुर (गिरधरपुर)
दिनांक 20/04/2024
कलीम सिद्दीक़ी की रिपोर्ट।

जब हौसले बुलंद हों तो राह की हर मुश्किल आसान हो जाती है। इस पंक्ति को इस बिटिया ने अपनी मेहनत से ऐसा कर ‌के दिखाया है। हाई स्कूल परीक्षा 2024 में शानदार सफलता हासिल करने वाली गिरधरपुरनिवासी रहीमा अंसार भी आज के युवाओं और बेटियों के लिए मिसाल है। न कोई ट्यूशन और न पर्याप्त संसाधन और न ही कोई गाइडर फिर भी अपनी योग्यता और प्रतिभा के बल पर हाई स्कूल परीक्षा में टॉप कर अपने क्षेत्र का नाम रौशन किया है। इनकी सफलता से मां बाप सगे संबंधी और पूरा क्षेत्र अत्यंत प्रसन्न है। लोग बधाइयां विभिन्न माध्यमों से देने में तनिक भी कसर नहीं छोड़ रहे।
बेटियो को शिक्षा और वो भी आधुनिक शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाना बेहद आवश्यक है। आज गांवों में विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय में आधुनिक शिक्षा के प्रति अभिभावकों और जिम्मेदारों के अंदर ऐसी भावना और समर्पण भाव आखिर क्यों नहीं आ पा रहा कि शिक्षा दीक्षा में हमारे घर की बेटियां भी पारंगत बनते हुए आईएएस आईपीएस एमबीबीएस इत्यादि बन सकें। हालांकि इससे इंकार नहीं किया जा सकता कि पूर्व की तुलना में अब धीरे धीरे ही सही लेकिन परिवर्तन आना शुरू हो गया है। हम आप यूपीएससी परीक्षा परिणाम को अगर दो साल पहले देखते हैं तो मुस्लिम समुदाय से चयन लगभग 25 और उसके बाद 29 और 2024 यूपीएससी परीक्षा परिणाम में यह संख्या बढ़कर 50 के लगभग हो गई। इससे ये साबित होता है कि मुस्लिम समुदाय कहीं न कहीं दूरदर्शिता और भविष्य को लेकर अब चिंतन करना शुरू कर दिया है। और वक्त की ये सबसे बड़ी मांग भी है।

हमारी आपकी सभी मां बाप और अभिभावकों की ये सबसे बड़ी जिम्मेदारी बनती है कि शिक्षा अधूरी न दिलवाएं बच्चे का प्रदर्शन यदि अच्छा है तो उसको पर्याप्त वातावरण उपलब्ध करवाने में तनिक भी पीछे न हटें। हाई स्कूल के बाद ही भविष्य के लिए रणनीति बनाया जाना बेहद जरूरी हो जाता है। एक ऐसी दिशा दशा और दृढ़ संकल्प समर्पण भाव अपने लक्ष्य को बनाकर उसी के अनुरूप मेहनत की जानी चाहिए जिससे एक निश्चित समय के साथ सफलता शोर मचा दे।
परिस्थितियां कैसी भी हों ये मायने नहीं रखता आपके अंदर अपने लक्ष्य को लेकर जुनून कितना है हौसला कितना है ये मायने रखता है। “नेल्सन मंडेला” की ये पंक्ति हर युवा पीढ़ी को आत्मसात करने की आवश्यकता है उन्होंने कहा था “ हर कोई अपनी परिस्थितियों से ऊपर उठकर सफल हो सकता है यदि वो भावनात्मकता के साथ समर्पण की भावना से यह सोचे उसे करना क्या है।”
अंत में बस इतना ही कि रहीमा अंसारी को ढेरो मुबारकबाद। आप खूब तरक्की करें आगे बढ़ें और अपने मां बाप क्षेत्र का नाम रौशन करें।

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